Naraj Gussa Shayari
रिश्तों में नाराज़गी और गुस्सा दोनों ही प्यार की गहराई को दिखाते हैं। कभी-कभी जब कोई अपना दूर हो जाता है, तो दिल के अंदर की भावनाएँ शायरी के रूप में बाहर निकल आती हैं।
Naraj gussa shayari ऐसे ही भावों को शब्द देती है — जहाँ प्यार भी है, दर्द भी है और शिकायतें भी।
इस लेख में हम पेश कर रहे हैं naraj gussa shayari के अलग-अलग रूप —
प्यार में नाराजगी, दोस्ती में गुस्सा, मोहब्बत की शिकायतें और रिश्तों की तन्हाई से जुड़ी शायरियाँ।
Table of Contents
Pyar Me Naraj Gussa Shayari (प्यार में नाराज़ गुस्सा शायरी)
प्यार में कभी-कभी छोटी-छोटी बातों पर भी दिल दुख जाता है।
ये pyar me naraj gussa shayari उस दर्द को खूबसूरत शब्दों में बयां करती हैं।
तेरे बिना दिल का हाल कुछ ऐसा है,
जैसे बारिश में भी सूखा सहरा है।
तुमसे गुस्सा नहीं, बस नाराज़ हूँ थोड़ा,
दिल आज भी वही है जो कल था, जोड़ा।
इश्क़ में गुस्सा भी प्यारा लगता है,
जब सामने वही हो जिसके लिए दिल तड़पता है।
नाराज़गी भी तेरे प्यार की निशानी है,
वरना हम तो किसी से बात भी नहीं करते।
तेरी खामोशी ने सिखा दिया बहुत कुछ,
अब कोई उम्मीद नहीं तेरे जवाबों से।
जब तुम नाराज़ होते हो, दिल टूट सा जाता है,
पर फिर भी तेरी यादों से रिश्ता निभ जाता है।
गुस्सा तुझसे है मगर मोहब्बत भी तुझसे ही,
दिल को समझाऊँ भी तो कैसे समझाऊँ यही।
तेरे बिना जीना मुश्किल है जान,
पर तेरे गुस्से में रहना और भी कठिन है।
तू रूठ जाए तो लगता है सब अधूरा है,
तेरी मुस्कान ही मेरे दिन का नूरा है।
इश्क़ में नाराज़गी का भी मज़ा अलग है,
जब सुलह में गले लगना हो उसका जवाब।
Dosti Me Naraj Gussa Shayari (दोस्ती में नाराज़ गुस्सा शायरी)
दोस्ती में गुस्सा प्यार का ही दूसरा रूप होता है।
ये dosti me naraj gussa shayari दोस्ती की सच्चाई और भावना दिखाती हैं।
दोस्त अगर नाराज़ हो जाए तो दिल डर जाता है,
कहीं रिश्ता टूट न जाए, बस यही डर सताता है।
तेरी खामोशी से ज़्यादा दर्द किसी आवाज़ में नहीं,
दोस्ती में ये फासला अच्छा नहीं।
जो सच्चा दोस्त होता है, वो मुँह फेर भी ले,
मगर दिल से कभी दूर नहीं जाता।
छोटी बात पर तेरा गुस्सा मुझे प्यारा लगता है,
क्योंकि उसमें भी तेरी फिक्र का इशारा लगता है।
दोस्ती में नाराज़गी हो जाए तो मना लेना चाहिए,
क्योंकि सच्चे यार बार-बार नहीं मिलते।
तेरे बिना हर महफ़िल अधूरी लगती है,
तेरा गुस्सा भी अब प्यारी मजबूरी लगती है।
दोस्ती अगर सच्ची हो, तो झगड़े भी मीठे होते हैं,
क्योंकि उनमें भी अपनापन झलकता है।
जो दोस्त हर बात पर चुप रहे,
वो अंदर से सबसे ज़्यादा टूटा हुआ होता है।
तू रूठा है तो क्या हुआ, मेरा यार है तू,
मना लेंगे तुझे, क्योंकि प्यार है तू।
नाराज़गी का भी हक़ सिर्फ सच्चे दोस्तों को है,
क्योंकि वही दिल के सबसे करीब होते हैं।
Girlfriend Boyfriend Naraj Gussa Shayari (गर्लफ्रेंड बॉयफ्रेंड नाराज़ गुस्सा शायरी)
रिश्तों में तकरार तो होती ही है।
ये girlfriend boyfriend naraj gussa shayari उन मीठी लड़ाइयों का आईना है।
तू रूठती है तो दुनिया बदल सी जाती है,
तेरी हँसी से ही तो मेरी धड़कनें मुस्कुराती हैं।
तेरे गुस्से में भी नज़ाकत है जान,
ऐसे ही तो दिल दे बैठा मैं तुझ पर।
जब तुम गुस्सा करते हो, तो और प्यारे लगते हो,
लगता है दिल की हर बात जुबां पे कह रहे हो।
तेरा नाराज़ होना भी मेरी आदत बन गई,
हर दिन तेरे बिना अधूरा लगता है।
गुस्सा तेरा भी कितना हसीन लगता है,
जब तू मुँह फेरती है, दिल बेचैन होता है।
तू बोले ना बोले, पर मैं समझता हूँ,
तेरे हर गुस्से में एक “मुझे याद कर” छुपा होता है।
तेरी खामोशी भी मेरे लिए सजा बन गई,
तेरे गुस्से की आदत अब जान बन गई।
जो नाराज़ होता है, वही सच्चा होता है,
बाकी तो बस दिखावे में अच्छा होता है।
तेरी आँखों में गुस्सा, पर लबों पर खामोशी,
यही तो इश्क़ की सबसे प्यारी कहानी है।
तुझसे लड़ते हुए भी तुझे ही याद करते हैं,
तेरे गुस्से में भी इश्क़ ढूँढते हैं।
Sad Naraj Gussa Shayari (दर्द भरी नाराज़ गुस्सा शायरी)
कभी-कभी नाराज़गी इतनी गहरी होती है कि आँसू खुद-ब-खुद निकल आते हैं।
ये sad naraj gussa shayari दिल के टूटे हुए टुकड़ों को शब्द देती है।
तुझसे गुस्सा भी खुद पर ही आता है,
जो तेरे बिना एक पल भी नहीं रह पाता है।
अब न गुस्सा है, न शिकायतें बाकी हैं,
बस खामोश हैं, क्योंकि उम्मीदें बाकी नहीं।
हर बार मनाया है मैंने तुझे,
इस बार तू ही समझ ले मेरी खामोशी।
तेरे गुस्से में जो प्यार छिपा था,
वो अब बस यादों में ही मिलता है।
अब तो नाराज़गी भी थक गई है,
क्योंकि तूने पलटकर देखा ही नहीं।
जो आज मुझसे गुस्सा है,
वही कल किसी और का हो जाएगा।
तेरे बिना दिल सूना-सूना है,
गुस्सा भी अब तेरी यादों में खो गया है।
दर्द में भी तेरा नाम आता है,
तेरे गुस्से में भी प्यार झलकता है।
अब शिकवा भी नहीं, गिला भी नहीं,
बस एक खामोश इंतज़ार है तेरे लौट आने का।
ना तू रूठा, ना मैं मना पाया,
बस रिश्ता खामोशियों में खो गया।
Husband Wife Naraj Gussa Shayari (पति-पत्नी नाराज़ गुस्सा शायरी)
पति-पत्नी के रिश्ते में भी कभी-कभी तकरार आ जाती है,
पर वहीं प्यार भी सबसे गहरा होता है।
ये husband wife naraj gussa shayari उस प्यार भरे रिश्ते की झलक है।
तेरी चुप्पी भी मुझे बहुत कुछ कह जाती है,
गुस्सा नहीं, बस तेरी फिक्र जताती है।
नाराज़ होती हो तो घर सूना लगता है,
तेरे बिना हर दिन अधूरा लगता है।
गुस्सा तुम्हारा भी मीठा लगता है,
क्योंकि उसमें भी “मुझसे प्यार” छुपा होता है।
तेरी आँखों में जब आँसू आते हैं,
मेरे दिल के टुकड़े हो जाते हैं।
हम झगड़ते हैं, पर प्यार भी करते हैं,
यही तो असली रिश्ता कहलाता है।
गुस्सा तुम पर है, पर मोहब्बत भी तो तुमसे है,
दिल समझाए भी तो कैसे।
तेरे बिना हर शाम बेरंग लगती है,
तेरी मुस्कान से ही तो ज़िन्दगी चलती है।
छोटी-सी बात पर नाराज़ मत हुआ करो,
मेरा दिल तुम्हारे बिना बहुत उदास रहता है।
तकरार हो या प्यार, बस तू पास रहना,
गुस्से में भी तेरा हाथ मेरे हाथ में रहना।
तू नाराज़ हो, मगर मुस्कुरा देना,
मेरे लिए वही सुकून है, वही सपना।
निष्कर्ष (Conclusion)
Naraj gussa shayari सिर्फ शब्दों का मेल नहीं, बल्कि एहसासों का आईना है।
चाहे किसी से प्यार हो या दोस्ती, नाराज़गी उस रिश्ते की गहराई बताती है।
इसलिए अगर कोई आपसे गुस्सा है, तो उसे मनाइए —
क्योंकि नाराज़ दिल अक्सर सबसे ज़्यादा आपसे ही प्यार करता है ❤️
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