
jaun elia sher
Introduction –
Jaun Elia Sher : उर्दू शायरी की दुनिया में अगर किसी नाम ने बेमिसाल गहराई, दर्द और तन्हाई को शेरों में ढाल दिया है, तो वो हैं Jaun Elia। उनका हर शेर दिल में उतर जाता है और ज़िंदगी की सच्चाइयों को बड़ी ही नज़ाकत से बयान करता है। मोहब्बत की मासूमियत हो या टूटे दिल का सन्नाटा, जौन एलिया की शायरी हर एहसास को लफ्ज़ों में पिरोती है।
इस संग्रह में हम आपके लिए लाए हैं Jaun Elia के चुनिंदा 2 लाइन शेर, जो तन्हाई, मोहब्बत, दर्द और जिंदगी के फलसफों से भरे हुए हैं। हर शेर एक आईना है — जिसमें आप खुद को, अपनी मोहब्बत को, अपने टूटे जज़्बातों को साफ़ देख पाएंगे।
1–10: तन्हाई और मोहब्बत पर
अब नहीं कोई बात ख़तरे की, अब सभी को सभी से ख़तरा है।
इक चराग़ था मिरे पास वो भी बुझ गया, अब तो कुछ भी नहीं है रौशनी के नाम पर।
मोहब्बत में नहीं है फ़र्क़ जीने और मरने का, उसी को देख कर जीते हैं जिस काफ़िर पे दम निकले।
बहुत नज़दीक आती जा रही हो, बिछड़ने का इरादा कर लिया क्या?
मैं भी बहुत अजीब हूँ, इतना पुराना हो गया हूँ फिर भी नया लगता हूँ।

किस लिए ज़िन्दगी में आया हूँ, ख़ुद को ख़ुद ही सवाल करता हूँ।
तुम जो इतने अच्छे हो, तो फिर इतने अकेले क्यों हो?
जो गुज़र जाती है वो बात थी, जो गुज़रती है वो रात है।
अब नहीं कोई बात ख़तरे की, अब सभी को सभी से ख़तरा है।
मैं भी अब मोहब्बत की बात नहीं करता, लोग समझते हैं मज़ाक बना रखा है।
11–20: Jaun Elia दर्द भरी शायरी
तेरा मिलना खुशी की बात सही, तुझसे बिछड़ना ग़मों का समंदर।
ये मुझे चैन क्यों नहीं पड़ता, एक ही शख़्स था जहान में क्या?
अब मैं भी किसी से नहीं डरता, तन्हाई बहुत कुछ सिखा देती है।
बहुत आसान था तेरा भूल जाना, मुश्किल तो बस खुद को मनाना था।

नफ़रतों में क्या रखा है, मोहब्बत से बात कर।
बहुत ख़ुश हूँ कि अब कोई उम्मीद नहीं बाक़ी।
अब तो आदत सी हो गई है, हर दर्द को हँस के सह लेने की।
ख़ुश हूँ कि तुझसे बिछड़ कर भी ज़िंदा हूँ।
चलो अच्छा हुआ कुछ लोग बदल गए, वरना यक़ीन सब पे उठ जाता।
अपने ग़म को क्या सुनाऊँ मैं, अब तो आदत हो गई है सहने की।
21–30: अकेलापन और खामोशी पर
ख़ामोशी बहुत कुछ कह जाती है, पर लोग अल्फ़ाज़ चाहते हैं।
ये जो लोग हैं किताबों जैसे, पढ़ते सब हैं, समझता कोई नहीं।
हर किसी को समझाना पड़ता है, तन्हा रहना मेरी मज़बूरी नहीं आदत है।
अब किस बात की मोहब्बत करें, जब अपना साया भी साथ नहीं देता।

जब खुद से ही बातें करने लगे इंसान, समझो अब बहुत अकेला है।
बहुत दिन हो गए किसी ने हाल नहीं पूछा, शायद अब मैं ठीक हूँ।
हम भी अब तन्हाई से डरते नहीं, उसने हमें गले लगा लिया है।
चुप रहते हैं अब, क्योंकि लोगों को बातों से फ़र्क़ नहीं पड़ता।
जब से खामोश हूँ, लोग और भी दूर हो गए।
तन्हा रहना अब सुकून देता है, लोग तो बस सवाल करते हैं।
31–40: जौन की तल्ख़ सच्चाई
सबको मालूम है मैं शराबी नहीं, फिर भी कोई प्याला छुपा ले गया।
एक मुद्दत से मेरी मां ने नहीं धोया दुपट्टा, मैं अब भी उसके आँसू पहचान लेता हूँ।
जली को आग कहते हैं, बुझी को राख कहते हैं, जिसकी तुमने हालत की है, उसे जौन एलिया कहते हैं।
मैं भी अब आसान नहीं रहा, पहले सा मुस्कुराना छोड़ दिया है।
तुझसे बिछड़ कर अब जीना सीख लिया है, लेकिन जीकर क्या मिलेगा?

मेरे जैसे बनोगे जब समझोगे मुझे, ये लफ़्ज़ नहीं जज़्बात हैं।
अब कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता, कौन आता है, कौन जाता है।
लोगों की फितरत पे हैरान हूँ, साथ भी चाहिए और सबक भी।
तुमने माँगा था वक़्त और हमने ज़िन्दगी दे दी।
ज़िन्दगी बहुत कुछ सिखाती है, बस चुप रहना ही काफी होता है।
41–50: मोहब्बत और दिल टूटने पर
हमने तो टूट कर चाहा, तुमने तोड़ कर छोड़ दिया।
मुझे छोड़ कर जो गए थे, आज भी अधूरे हैं।
एक बार तो ख़ुदा भी रो पड़ा होगा, जब मैंने कहा होगा, अब जीना नहीं।
तुम्हारे बिना अब कोई ख्वाब अच्छा नहीं लगता।
दर्द बन कर ही रह गए तुम, कभी खुशी की वजह ना बन सके।
मेरे हिस्से का प्यार भी तुम रख लो, मुझे आदत है तन्हा रहने की।

हम तो रूह में उतर गए थे, तुमने जिस्म तक ही चाहा।
तुझसे बिछड़ कर अब और कुछ नहीं चाहिए, मोहब्बत तो कर ली अब मौत बाकी है।
हम भी मोहब्बत में हारे हैं जनाब, वरना जीना किसे नहीं आता।
तुमसे दूर हो कर भी तुमसे ही जुड़ा हूँ, ये कैसा दर्द है जो खत्म ही नहीं होता।
Conclusion – जौन एलिया की शायरी का असर
Jaun Elia Sher सिर्फ एक शायर नहीं थे, बल्कि एक एहसास थे — ऐसा एहसास जो हर टूटे दिल, हर तन्हा रूह और हर खामोश दर्द को अल्फ़ाज़ देता है। उनके दो लाइन के शेर छोटे ज़रूर हैं, लेकिन उनमें छिपी गहराई और दर्द किसी किताब से कम नहीं।
चाहे मोहब्बत का जुनून हो या जुदाई का सन्नाटा, Jaun Elia की शायरी हर दिल को छू जाती है। उनके शेरों में हम सबका कोई न कोई किस्सा जरूर छुपा होता है। यही वजह है कि आज भी उनकी शायरी युवा दिलों की आवाज़ बनी हुई है।
अगर आप कभी खुद को शब्दों में बयान नहीं कर पाते, तो यक़ीन मानिए —Jaun Elia का कोई शेर आपकी तरफ से कह देगा।
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